Sunday, April 04, 2010

भाव फल .भाव विचार,कुंडली,

my kundali,jyotish,bhavishya,dainik rashiphal,rashifal
नवम भाव विचार -
अभी तक हमने ज्योतिष भाव विचार लेख के अन्दर अष्टम भाव विचार माला तक का अध्ययन कर किया हैं
अब हम नवम भाव का विचार करेंगे -
नवम भाव को धर्म,भाग्य ,उपासना के नाम से भी जाना जाता है अतः स्वाभाविक रूप से मुख्यतः भाग्य ,धर्म,यज्ञ,पूजा,देवता,उपासना,का विचार तो होता ही है दक्षिण भारत में पिता का विचार भी इसी भाव से किया जाता है यद्यपि उत्तर भारत में पिता का विचार दशम भाव से किया जाता है मेरे विचार में भी पिता का विचार नवम भाव से करना अनुभव में उपयुक्त पाया गया है
दशम भाव - यह भाव कर्म , कार्य क्षेत्र , सफलता ,वृद्धि,उन्नति,प्रभाव,वर्चस्व को बताता है
एकादश भाव - यह भाव आय , लाभ,विद्या का लाभ ,संतान का जीवन साथी , शेयर बाज़ार को बताता है
द्वादश भाव - हानि ,विदेश यात्रा , कष्ट ,व्यय,स्वास्थ्यका विचार बताता है

No comments:

Featured Post

पाराशर के अनुसार ग्रह दृष्टि

पश्यन्ति सप्तमं सर्वे शनि जीव कुजः पुनः ।  विशेषतश्च त्रिदशत्रिकोणचतुरष्टमान् || भावः - यहाँ पर ग्रहों की दृष्टि के बारे में बतलाते हु...